मां की कोख में हुई बच्चे की सर्जरी, लंदन में 90 मिनट में ऑपरेशन कर दूर की स्पाइनल प्रॉब्लम

लंदन में मां की कोख में ही बच्चे की स्पाइनल सर्जरी की गई। गर्भस्थ शिशु में स्पाइना बाइफिडा नाम की बीमारी का पता चला था। 90 मिनट चली सर्जरी को लंदन यूनिवर्सिटी कॉलेज के हॉस्पिटल की 30 डॉक्टरों की एक टीम ने अंजाम दिया।

बच्चे की रीढ़ की हड्डी में समस्या थी
स्पाइना बाइफिडा ऐसी स्थिति है जब गर्भावस्था के दौरान बच्चे की रीढ़ की हड्डी ठीक से विकसित नहीं हो पाती। रीढ़ की हड्डी में एक दरार बन जाती है। नतीजतन जन्म के बाद बच्चे को चलने-फिरने और सीधे खड़े होने में दिक्कत होती है। बच्चा दिमागी रूप से भी कमजोर हो सकता है। ज्यादातर मामलों में बच्चे के जन्म के बाद सर्जरी की जाती है।

26 हफ्ते की प्रेग्नेंसी में हुई सर्जरी
डॉक्टरों ने स्पाइना बाइफिडा से पीड़ित दो बच्चों की सर्जरी की। 26 हफ्ते की प्रेग्नेंसी में गर्भवती महिला को सर्जरी से पहले एनेस्थीसिया दिया गया था। गर्भाशय के बाद बच्चे के स्पाइन वाले हिस्से को ओपन किया गया। बच्चे की पीठ के निचले हिस्से में रीढ़ की हड्डी मुड़ी हुई थी। इसकी सर्जरी की गई। ऑपरेशन के बाद महिला की सामान्य गर्भवती की तरह डिलीवरी हो सकेगी।

लंदन में हर साल 200 से ज्यादा मामले
रीढ़ की हड्डी का विकास एक झिल्लीनुमा संरचना में होता है जिसमें फ्लूइड भरा होता है। लेकिन स्पाइना बाइफिडा की स्थिति में स्पाइन इससे बाहर निकलने लगती है और इसमें मौजूद फ्लूइड के लीक होने का खतरा बढ़ता जाता है। साथ ही इससे मस्तिष्क के विकास पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। लंदन में हर साल करीब 200 से ज्यादा ऐसे मामले सामने आते हैं।

अब तक लंदन में नहीं हो पाती थी सर्जरी
ऐसे मामलों की सर्जरी पहले बेल्जियम और अमेरिका में होती थी। लंदन में पिछले 3 सालों से सर्जरी की इस तकनीक पर काम कर रहीं यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन की प्रो. एनी डेविड के मुताबिक ऐसे मामले सामने आने पर पहले गर्भवती को इलाज के लिए दूसरे देशों का रुख करना पड़ता था लेकिन अब यहां इसका इलाज संभव है।

प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही से लें फॉलिक एसिड

एम्स नई दिल्ली के न्यूरोसर्जरी हेड डॉ. एसएस काले के मुताबिक अगर प्रेग्नेंसी की शुरुआत से ही महिला फॉलिक एसिड लेती है तो बच्चे में जन्मजात बीमारी का खतरा 50 फीसदी तक कम हो जाता है। भारत में एक हजार बच्चों पर एक स्पाइना बाइफिडा का मामला देखा जाता है।

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