चिदंबरम बोले- मोदी 5 आलोचक चुनें, टीवी पर उनके सवालों का जवाब दें; ताकि लोग सीएए पर अपनी राय बना सकें
नई दिल्ली. पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) की आलोचनाओं का जवाब नहीं देने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सलाह दी है। चिदंबरम ने कहा कि मोदी को अपनी सहूलियत से 5 आलोचकों को चुनें और उनके साथ टीवी पर सवाल-जवाब कार्यक्रम में हिस्सा लें, ताकि लोगों को कानून के बारे में राय कायम करने में मदद मिल सके। चिदंबरम ने यह भी कहा कि उम्मीद है कि मोदी इस सुझाव का उपयुक्त जवाब देंगे।
‘ज्यादातर मानते हैं कि सीएए नागरिकता छीन लेगा’
चिदंबरम के मुताबिक, ‘‘मोदी कहते हैं कि सीएए से लोगों को नागरिकता मिलेगी, छीनी नहीं जाएगी। जबकि ज्यादातर लोग मानते हैं कि सीएए (इसमें एनपीआर या एनआरसी जोड़ लें) कई लोगों की नागरिकता छीन लेगा। प्रधानमंत्री ऊंचे मंचों से बोलते हैं, सवालों से उनका कोई वास्ता नहीं रहता। हम चाहते हैं कि मीडिया के जरिए मुखातिब हों और उनके सवालों के जवाब दें। ’’
चिदंबरम ने ट्वीट्स किए- ‘‘मोदी आलोचनाओं पर बात नहीं करते। इस पर बात करने का वे कोई मौका भी नहीं देते। उनसे बात करने का यही तरीका है कि वे अपनी पसंद के 5 आलोचक चुन लें और टीवी पर उनके सवालों के जवाब दें। इसे सुनकर लोगों को सीएए के बारे में राय कायम करने का मौका मिलेगा।’’
सोनिया ने भेदभाव करने वाला बताया था
सोनिया ने शनिवार को सीएए को भेदभाव और विभाजन करने वाला बताया था। उन्होंने यह भी कहा था कि कानून को धार्मिक आधार पर बांटने के लिए लाया गया है। राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को बनाने का मकसद भी यही है।
नई दिल्ली. पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) की आलोचनाओं का जवाब नहीं देने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सलाह दी है। चिदंबरम ने कहा कि मोदी को अपनी सहूलियत से 5 आलोचकों को चुनें और उनके साथ टीवी पर सवाल-जवाब कार्यक्रम में हिस्सा लें, ताकि लोगों को कानून के बारे में राय कायम करने में मदद मिल सके। चिदंबरम ने यह भी कहा कि उम्मीद है कि मोदी इस सुझाव का उपयुक्त जवाब देंगे।
‘ज्यादातर मानते हैं कि सीएए नागरिकता छीन लेगा’
चिदंबरम के मुताबिक, ‘‘मोदी कहते हैं कि सीएए से लोगों को नागरिकता मिलेगी, छीनी नहीं जाएगी। जबकि ज्यादातर लोग मानते हैं कि सीएए (इसमें एनपीआर या एनआरसी जोड़ लें) कई लोगों की नागरिकता छीन लेगा। प्रधानमंत्री ऊंचे मंचों से बोलते हैं, सवालों से उनका कोई वास्ता नहीं रहता। हम चाहते हैं कि मीडिया के जरिए मुखातिब हों और उनके सवालों के जवाब दें। ’’
चिदंबरम ने ट्वीट्स किए- ‘‘मोदी आलोचनाओं पर बात नहीं करते। इस पर बात करने का वे कोई मौका भी नहीं देते। उनसे बात करने का यही तरीका है कि वे अपनी पसंद के 5 आलोचक चुन लें और टीवी पर उनके सवालों के जवाब दें। इसे सुनकर लोगों को सीएए के बारे में राय कायम करने का मौका मिलेगा।’’
सोनिया ने भेदभाव करने वाला बताया था
सोनिया ने शनिवार को सीएए को भेदभाव और विभाजन करने वाला बताया था। उन्होंने यह भी कहा था कि कानून को धार्मिक आधार पर बांटने के लिए लाया गया है। राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को बनाने का मकसद भी यही है।
नई दिल्ली. पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) की आलोचनाओं का जवाब नहीं देने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सलाह दी है। चिदंबरम ने कहा कि मोदी को अपनी सहूलियत से 5 आलोचकों को चुनें और उनके साथ टीवी पर सवाल-जवाब कार्यक्रम में हिस्सा लें, ताकि लोगों को कानून के बारे में राय कायम करने में मदद मिल सके। चिदंबरम ने यह भी कहा कि उम्मीद है कि मोदी इस सुझाव का उपयुक्त जवाब देंगे।
‘ज्यादातर मानते हैं कि सीएए नागरिकता छीन लेगा’
चिदंबरम के मुताबिक, ‘‘मोदी कहते हैं कि सीएए से लोगों को नागरिकता मिलेगी, छीनी नहीं जाएगी। जबकि ज्यादातर लोग मानते हैं कि सीएए (इसमें एनपीआर या एनआरसी जोड़ लें) कई लोगों की नागरिकता छीन लेगा। प्रधानमंत्री ऊंचे मंचों से बोलते हैं, सवालों से उनका कोई वास्ता नहीं रहता। हम चाहते हैं कि मीडिया के जरिए मुखातिब हों और उनके सवालों के जवाब दें। ’’
चिदंबरम ने ट्वीट्स किए- ‘‘मोदी आलोचनाओं पर बात नहीं करते। इस पर बात करने का वे कोई मौका भी नहीं देते। उनसे बात करने का यही तरीका है कि वे अपनी पसंद के 5 आलोचक चुन लें और टीवी पर उनके सवालों के जवाब दें। इसे सुनकर लोगों को सीएए के बारे में राय कायम करने का मौका मिलेगा।’’
सोनिया ने भेदभाव करने वाला बताया था
सोनिया ने शनिवार को सीएए को भेदभाव और विभाजन करने वाला बताया था। उन्होंने यह भी कहा था कि कानून को धार्मिक आधार पर बांटने के लिए लाया गया है। राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को बनाने का मकसद भी यही है।
‘ज्यादातर मानते हैं कि सीएए नागरिकता छीन लेगा’
चिदंबरम के मुताबिक, ‘‘मोदी कहते हैं कि सीएए से लोगों को नागरिकता मिलेगी, छीनी नहीं जाएगी। जबकि ज्यादातर लोग मानते हैं कि सीएए (इसमें एनपीआर या एनआरसी जोड़ लें) कई लोगों की नागरिकता छीन लेगा। प्रधानमंत्री ऊंचे मंचों से बोलते हैं, सवालों से उनका कोई वास्ता नहीं रहता। हम चाहते हैं कि मीडिया के जरिए मुखातिब हों और उनके सवालों के जवाब दें। ’’
चिदंबरम ने ट्वीट्स किए- ‘‘मोदी आलोचनाओं पर बात नहीं करते। इस पर बात करने का वे कोई मौका भी नहीं देते। उनसे बात करने का यही तरीका है कि वे अपनी पसंद के 5 आलोचक चुन लें और टीवी पर उनके सवालों के जवाब दें। इसे सुनकर लोगों को सीएए के बारे में राय कायम करने का मौका मिलेगा।’’
सोनिया ने भेदभाव करने वाला बताया था
सोनिया ने शनिवार को सीएए को भेदभाव और विभाजन करने वाला बताया था। उन्होंने यह भी कहा था कि कानून को धार्मिक आधार पर बांटने के लिए लाया गया है। राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को बनाने का मकसद भी यही है।
नई दिल्ली. पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) की आलोचनाओं का जवाब नहीं देने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सलाह दी है। चिदंबरम ने कहा कि मोदी को अपनी सहूलियत से 5 आलोचकों को चुनें और उनके साथ टीवी पर सवाल-जवाब कार्यक्रम में हिस्सा लें, ताकि लोगों को कानून के बारे में राय कायम करने में मदद मिल सके। चिदंबरम ने यह भी कहा कि उम्मीद है कि मोदी इस सुझाव का उपयुक्त जवाब देंगे।
‘ज्यादातर मानते हैं कि सीएए नागरिकता छीन लेगा’
चिदंबरम के मुताबिक, ‘‘मोदी कहते हैं कि सीएए से लोगों को नागरिकता मिलेगी, छीनी नहीं जाएगी। जबकि ज्यादातर लोग मानते हैं कि सीएए (इसमें एनपीआर या एनआरसी जोड़ लें) कई लोगों की नागरिकता छीन लेगा। प्रधानमंत्री ऊंचे मंचों से बोलते हैं, सवालों से उनका कोई वास्ता नहीं रहता। हम चाहते हैं कि मीडिया के जरिए मुखातिब हों और उनके सवालों के जवाब दें। ’’
चिदंबरम ने ट्वीट्स किए- ‘‘मोदी आलोचनाओं पर बात नहीं करते। इस पर बात करने का वे कोई मौका भी नहीं देते। उनसे बात करने का यही तरीका है कि वे अपनी पसंद के 5 आलोचक चुन लें और टीवी पर उनके सवालों के जवाब दें। इसे सुनकर लोगों को सीएए के बारे में राय कायम करने का मौका मिलेगा।’’
सोनिया ने भेदभाव करने वाला बताया था
सोनिया ने शनिवार को सीएए को भेदभाव और विभाजन करने वाला बताया था। उन्होंने यह भी कहा था कि कानून को धार्मिक आधार पर बांटने के लिए लाया गया है। राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को बनाने का मकसद भी यही है।
नई दिल्ली. पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) की आलोचनाओं का जवाब नहीं देने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सलाह दी है। चिदंबरम ने कहा कि मोदी को अपनी सहूलियत से 5 आलोचकों को चुनें और उनके साथ टीवी पर सवाल-जवाब कार्यक्रम में हिस्सा लें, ताकि लोगों को कानून के बारे में राय कायम करने में मदद मिल सके। चिदंबरम ने यह भी कहा कि उम्मीद है कि मोदी इस सुझाव का उपयुक्त जवाब देंगे।
‘ज्यादातर मानते हैं कि सीएए नागरिकता छीन लेगा’
चिदंबरम के मुताबिक, ‘‘मोदी कहते हैं कि सीएए से लोगों को नागरिकता मिलेगी, छीनी नहीं जाएगी। जबकि ज्यादातर लोग मानते हैं कि सीएए (इसमें एनपीआर या एनआरसी जोड़ लें) कई लोगों की नागरिकता छीन लेगा। प्रधानमंत्री ऊंचे मंचों से बोलते हैं, सवालों से उनका कोई वास्ता नहीं रहता। हम चाहते हैं कि मीडिया के जरिए मुखातिब हों और उनके सवालों के जवाब दें। ’’
चिदंबरम ने ट्वीट्स किए- ‘‘मोदी आलोचनाओं पर बात नहीं करते। इस पर बात करने का वे कोई मौका भी नहीं देते। उनसे बात करने का यही तरीका है कि वे अपनी पसंद के 5 आलोचक चुन लें और टीवी पर उनके सवालों के जवाब दें। इसे सुनकर लोगों को सीएए के बारे में राय कायम करने का मौका मिलेगा।’’
सोनिया ने भेदभाव करने वाला बताया था
सोनिया ने शनिवार को सीएए को भेदभाव और विभाजन करने वाला बताया था। उन्होंने यह भी कहा था कि कानून को धार्मिक आधार पर बांटने के लिए लाया गया है। राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को बनाने का मकसद भी यही है।
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